What is Computer in hindi | कंप्यूटर क्या है, पूरी जानकारी हिंदी में |

नमस्कार दोस्तों, कंप्यूटर आजकल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल हो रहा है, जैसे कि विज्ञान, व्यावसायिकता, मनोरंजन, चिकित्सा, और शिक्षा। आज हम इस लेख में जानेंगे computer के बारे मे ,computer का उपयोग ,उनके कार्य फायदे और कंप्यूटर के प्रकार इत्यानमस्कार दोस्तों, कंप्यूटर आजकल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल हो रहा है, जैसे कि विज्ञान, व्यावसायिकता, मनोरंजन, चिकित्सा, और शिक्षा। आज हम इस लेख में जानेंगे computer के बारे मे ,computer का उपयोग ,उनके कार्य फायदे और कंप्यूटर के प्रकार इत्यादि के बारे मे l यह पोस्ट बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है | इस blog को आप पूरा पढिए । तो बिना आपका समय बर्बाद किए ,चलिए जानते हैं computer क्या है।दि के बारे मे l यह पोस्ट बहुत ही आसान शब्दों में लिखा गया है | इस blog को आप पूरा पढिए । तो बिना आपका समय बर्बाद किए ,चलिए जानते हैं computer क्या है।

Table of Contents

कंप्यूटर क्या है – what is computer ?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो डेटा प्रोसेसिंग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका मुख्य कार्य इनपुट डेटा को प्रोसेस करके आउटपुट डेटा उत्पन्न करना है।

कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है – computer full form :-

Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research

कंप्यूटर कैसे काम करता है ?

इनपुट : जिससे कंप्यूटर को डेटा मिलता है, जैसे की कीबोर्ड, माउस, टचस्क्रीन, और अन्य संबंधित उपकरण।

प्रोसेसिंग (CPU): यह डेटा को प्रोसेस करता है और उसे इनपुट से आउटपुट में बदलता है।

आउटपुट : जिससे प्रोसेस हुआ डेटा का परिणाम मिलता है, जैसे की मॉनिटर, प्रिंटर, और अन्य उपकरण।

कंप्यूटर के भाग :

कंप्यूटर में दो मुख्य हिस्से होते हैं

  1. हार्डवेयर (Hardware)
  2. सॉफ़्टवेयर (Software)

1. Hardware :

हार्डवेयर कंप्यूटर की फिजिकल कंपोनेंट्स को दर्शाता है, यानि कंप्यूटर के वह सभी पार्ट जिन्हे हम छु सकते है उसे हार्डवेयर कहते है। जैसे कि प्रोसेसर, स्टोरेज (hdd,ssd), इनपुट डिवाइसेस (जैसे की कीबोर्ड और माउस), और आउटपुट डिवाइसेस (जैसे कि मॉनिटर और प्रिंटर)।

हार्डवेयर के अन्दर आने वाले Devices (उपकरण) →

  1. Input device

  2. Processing Unit

  3. Output device

  4. Storage devices

1. Input device

ऐसे उपकरण होते है ,जिनके द्वारा हम कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए करते है कि उसे क्या कार्य करना है।

कुछ इनपुट डिवाइस के उदाहरण :

  • कीबोर्ड (Keyboard): यह टाइपिंग के लिए इस्तेमाल होता है और विभिन्न कुंजियों के माध्यम से अक्षर और संकेत देने में मदद करता है।

  • माउस (Mouse): इसका उपयोग स्क्रीन पर कर्सर को नेविगेट करने और विभिन्न ऑब्जेक्ट्स को चुनने के लिए होता है।

  • टच स्क्रीन (Touch Screen): यह एक इंटरएक्टिव डिस्प्ले होता है जिसमें उपयोगकर्ता (user) सीधे हाथ से स्क्रीन को छूकर कंप्यूटर उपकरण को नियंत्रित कर सकता है।

  • स्कैनर (Scanner): इसका उपयोग तस्वीरें, डॉक्यूमेंट्स और अन्य प्रिंटेड सामग्री को डिजिटल फॉर्मेट में कंप्यूटर में दर्ज करने के लिए किया जाता है।

  • वेबकैम (Webcam): इससे वीडियो कैप्चर और वीडियो कॉल के लिए इस्तेमाल होता है।

  • माइक्रोफोन (Microphone): यह उपयोगकर्ता को ध्वनि या ऑडियो को कंप्यूटर में रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है।

  • जॉयस्टिक (Joystick): खेलों और अन्य एप्लिकेशन्स में गेमिंग नियंत्रण के लिए इस्तेमाल होता है।

2. Processing Unit (CPU)

जिसे कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है। जो पूरे कंप्यूटर को नियंत्रित करता है। प्रोसेसिंग यूनिट (Processing Unit) एक कंप्यूटर का मुख्य भाग होता है जो डेटा को प्रोसेस करने की क्षमता रखता है जैसे कि इनपुट लेना, उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गए निर्देशों को पूरा करना, और डेटा को प्रोसेस करके आउटपुट बनाना।

इसके तीन भाग होते है।

stockwizard.in

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1. Control Unit (C.U)

जितने भी उपकरण है चाहे वो input , output उपकरण हो या A.L.U, M.U कम्प्यूटर मैमोरी हो उनको नियंत्रण Control Unit करता है। मतलब हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के काम को Control ,Control Unit करता है। यानि सब काम सही से हो रहा है या नही, यह सब C.U संभालता है।

2. Arithmetic Logic Unit (A.L.U)

यह अंकगणित क्रियाएँ जैसे कि जोड़, घटाना, गुणा, विभाजन, तुलना, और लॉजिकल ऑपरेशन करने के लिए प्रयोग ली जाती है। यह मेमोरी से डेटा को पढ़कर और उस पर विभिन्न ऑपरेशन करके नतीजा प्रस्तुत करता है।

3. Memory Unit (M.U)

मेमोरी यूनिट कंप्यूटर में डेटा और निर्देशों को संग्रहित (stored) करने के लिए उपयोग होती है। इसमें Primary memory के स्टोरेज डिवाइस जैसे कि रैन्डम एक्सेस मेमोरी (RAM) और रीड-ऑनली मेमोरी (ROM) शामिल होते हैं। यह डेटा को प्रोसेसिंग यूनिट को उपलब्ध कराता है ताकि वह उसे प्रोसेस कर सके।

यह 2 प्रकार कि होती है – Primary memory और Secondary memory 

1. Primary memory

जो CPU के साथ सीधे काम करती है, जैसे कि रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM)। इसमें स्थाई रूप से डेटा और इंस्ट्रक्शन्स स्टोर होते हैं, जो कंप्यूटर को काम करने के लिए आवश्यक हैं। इसे Main memory के नाम से भी जाना जाता है। इस memory मे किया गया कार्य तब तक रहता है जब तक कि computer मशीन on है, जैसे ही computer off हुआ memory का data मिट (erased) जाता है। इस कि कार्य क्षमता Secondary memory कि तुलना मे बहुत ज्यादा तेज होती है।

इसके भी 2 भाग होते है RAM और ROM

2. Secondary memory

जो डेटा को Permanently store करने के लिए उपयोग होती है, चाहे computer Turn off हो या on आपका डेटा हमेशा के लिए Save रहता है। Secondary memory मे l इसे Auxiliary memory के नाम से भी जाना जाता है।

जैसे कि Hard Drive, SSD, Flash, USD Drive, Optical Drive,

कंप्‍यूटर मेमोरी की यूनिट

यहाँ नीचे सभी मेमोरी इकाइयों कि सूची दि गई है :

मेमोरी इकाई

के बराबर

बाइनरी डिजीट (0,1) (सबसे छोटी इकाई)

1 Bit

1 निब्बल (Nibble)

4 bits

1 बाइट (Byte)

8 bits

1 किलोबाइट (KB)

1024 bytes

1 मेगाबाइट (MB)

1024 KB

1 गीगाबाइट (GB)

1024 MB

1 टेराबाइट (TB)

1024 GB

1 पेटाबाइट (PB)

1024 TB

1 एक्साबाइट (EB)

1024 PB

1 जेटाबाइट (ZB)

1024 EB

1 योटाबाइट (YB)

1024 ZB

1 ब्रोन्टोबाइट (BB)

1024 YB

1 गिओप्बाइट (GB)

1024 BB

1 गूगोलबाइट (GB)

1024 GB

1 सागनबाइट (SB)

1024 GB

1 पीजाबाइट (PB)

1024 SB

3. Output device

यह ऐसा उपकरण है जो कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से प्राप्त होने वाली जानकारी को हमें दिखाता है। इसे एक सरल भाषा में कहें तो यह हमारे कंप्यूटर या डिवाइस से आने वाली जानकारी को दिखाने या सुनाने मे मदद करते है।

कुछ आउटपुट डिवाइस के उदाहरण :

  • मॉनिटर: यह एक डिस्प्ले उपकरण है जो कंप्यूटर या अन्य डिवाइस से आने वाली जानकारी को दिखाता है। यह टेक्स्ट, ग्राफिक्स, और अन्य दृश्यों को दिखा सकता है।

  • प्रिंटर: इसका उपयोग तस्वीरें, टेक्स्ट, या अन्य जानकारी को कागज पर प्रिंट करने के लिए होता है।

  • स्पीकर्स और हेडफ़ोन्स: ये उपकरण ध्वनि को सुनने के लिए होते हैं, जो कंप्यूटर, स्मार्टफोन, या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से आता है।

  • टीवी स्क्रीन: इसका उपयोग वीडियो, और अन्य दृश्यों को दिखाने के लिए होता है, जो विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक स्रोतों से आते हैं।

  • वीडियो प्रोजेक्टर: यह उपकरण बड़े स्क्रीन पर दृश्यों को प्रदर्शित करने के लिए होता है।

4. Storage devices

कंप्यूटर स्टोरेज डिवाइस वे उपकरण होते हैं जो कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में डेटा को स्थायी रूप से संग्रहित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये डिवाइस जानकारी को सुरक्षित रखने और उसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद करते हैं।

कुछ स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण :

  1. हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive – HDD): यह एक ऐसा स्टोरेज डिवाइस है जिसमें डेटा इंटरनल डिस्क पर मैग्नेटिक धाराओं के रूप में संग्रहित होता है। ये डिवाइस बड़ी जानकारी को संग्रहित करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं।

  2. सॉलिड स्टेट ड्राइव (Solid State Drive – SSD): ये डिवाइस बिना किसी मैग्नेटिक डिस्क के होते हैं और इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज का उपयोग करते हैं। यह HDD कि तुलना मे काफी तेज होती है।

  3. फ्लॉपी डिस्क ड्राइव (Floppy Disk Drive): यह पुराना प्रकार का स्टोरेज डिवाइस है जों data संग्रहित करने के लिए उपयोग मे लिया जाता था।

  4. कंपैक्ट डिस्क (Compact Disc – CD) और डीवीडी (Digital Versatile Disc – DVD): ये ऑप्टिकल डिस्क्स होते हैं जिनमें जानकारी ऑप्टिकल ट्रैक्स पर संग्रहित होती है। ये आमतौर पर मल्टीमीडिया डेटा के एकत्र के लिए उपयोग होते हैं।

  5. Universal Serial Bus (USB) Flash Drive: ये छोटे आकार के पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस होते हैं जो कंप्यूटर में USB पोर्ट के माध्यम से कनेक्ट किए जाते हैं।   

    2. Software :-

    सॉफ़्टवेयर कंप्यूटर पर चलने वाले प्रोग्राम्स और एप्लीकेशन्स को दर्शाता है जो हार्डवेयर के साथ मिलकर कंप्यूटर को कार्य करने के लिए सक्षम बनाते हैं। इन को छु नही सकते , ये प्रोग्राम्स होते है सॉफ़्टवेयर कहलाते है

    ये 2 प्रकार होते है।

    • सिस्टम सॉफ्टवेयर (system software)
    • एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application software)

    1. System Software

    सिस्टम सॉफ्टवेयर एक कम्प्यूटर सिस्टम को सही तरीके से काम करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य है हार्डवेयर और उपयोगकर्ता के बीच एक इंटरफेस प्रदान करना ताकि अन्य सॉफ्टवेयर आसानी से चल सके।

    कुछ उदाहरण सिस्टम सॉफ्टवेयर के :

    • ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System): यह कंप्यूटर और उपयोगकर्ता के बीच एक Interface प्रदान करता है। यह कंप्यूटर हार्डवेयर को संचालित करने और अन्य सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए प्रयोग मे लिए जाते है, जैसे कि Windows, macOS, Linux, आदि।

    • ड्राइवर्स (Drivers): ये हार्डवेयर के साथ संवाद (communicate) करने वाले सॉफ्टवेयर होते हैं, जैसे कि प्रिंटर ड्राइवर्स, ग्राफिक्स कार्ड ड्राइवर्स, आदि।

    • उपकरण सॉफ्टवेयर (Utility Software): यह उपयोगकर्ता को अपने कंप्यूटर को बेहतरीन तरीके से प्रबंधित करने में मदद करते है, जैसे कि एंटीवायरस, डिस्क क्लीनर, आदि।

    2. Application Software

    एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर विभिन्न उपयोगकर्ता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसे उपयोगकर्ता द्वारा सीधे चलाया जा सकता है और इसका उपयोग किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए किया जा सकता है।

    कुछ उदाहरण एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के :

    • माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस (Microsoft Office): इसमें वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट, प्रेजेंटेशन तैयार करने के लिए उपयोग होता है, जैसे कि Microsoft Word, Excel, PowerPoint, आदि।

    • फोटोशॉप (Adobe Photoshop): इसे ग्राफिक्स डिजाइनिंग और फ़ोटो एडिटिंग के लिए बनाया गया है।

    • ऑटोकैड (AutoCAD): इसका उपयोग कंप्यूटर-एडेड डिजाइनिंग (CAD) के लिए किया जाता है, जैसे कि इंजीनियरिंग ड्राइंग बनाने के लिए।

    कंप्यूटर के प्रकार – types of computer

    कंप्यूटर को 2 प्रकार मे बाटा जा सकता है :

    एनालॉग कंप्यूटर

    एनालॉग कंप्यूटर वह होते हैं जो भौतिक मात्राओं, जैसे कि वोल्टेज, धारा, या दबाव का उपयोग डेटा और गणना को दर्शाने के लिए करते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के संचार के लिए एनालॉग सिग्नल्स का उपयोग होता है।जैसे उदाहरण :यांत्रिक घड़ियां, स्पीकर, थर्मामीटर,एनालॉग घड़ियां, वाल्टमीटरआदि शामिल हैं।

    डिजिटल कंप्यूटर

    डिजिटल सिग्नल, 0 और 1 के रूप में डेटा और गणना को दर्शाते हैं। यानि इनमें बाइनरी का उपयोग होता है, जिसमें केवल दो स्थितियाँ हो सकती हैं – 0 और 1। जैसे उदाहरण : व्यक्तिगत कंप्यूटर, स्मार्टफोन, टैबलेट, आदि।

    वैसे तो कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं, जो विभिन्न उद्देश्यों और उपयोग के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। यहाँ कुछ मुख्य प्रकार बताए गए है:

    1. पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer – PC): ये कंप्यूटर व्यक्तिगत उपयोग के लिए होते हैं और आमतौर पर घरों, कार्यालयों और व्यावसायिक संगठनों में प्रयोग होते हैं।

    2. लैपटॉप (Laptop): ये हमेशा साथ लिए जा सकने वाले पोर्टेबल कंप्यूटर होते हैं,ये हाथ में पोर्टेबल कंप्यूटिंग का संदर्भ हैं।

    3. टैबलेट (Tablet): ये भी पोर्टेबल होते हैं और स्क्रीन के माध्यम से संदेश और डेटा प्रदर्शित करते हैं, लेकिन उनमें आमतौर पर फिजिकल कीबोर्ड नहीं होता है।

    4. सर्वर (Server): ये कंप्यूटर होते हैं जो नेटवर्क की सेवाएं प्रदान करते हैं, जैसे की वेबसाइट, ईमेल, फ़ाइल संगठन, और डेटाबेस एक्सेस।

    5. सुपरकंप्यूटर (Supercomputer): ये उच्च गति और उच्च प्रकार की कंप्यूटिंग क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं, जिन्हें बड़े और विशेष गणितीय कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे कि विज्ञान, अंतरिक्ष अनुसंधान, मॉडलिंग।

    6. एम्बेडेड सिस्टम (Embedded Systems): ये साधारण उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए कंप्यूटर होते हैं, जो किसी विशिष्ट कार्य को करने के लिए एक स्पष्ट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कॉन्फ़िगरेशन में शामिल होते हैं। उदाहरण के लिए, मोबाइल फ़ोन, वाहनों के नेविगेशन सिस्टम, और घड़ी, टेलीविज़न, आदि।

    7. मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computers): ये बड़े और उच्च क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं जो बड़ी और जटील कार्यों के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जैसे कि वित्तीय लेन-देन और डेटा प्रोसेसिंग।

    8. क्वांटम कंप्यूटर (Quantum Computer): ये उच्च गति और उच्च क्षमता वाले कंप्यूटर होते हैं, जो क्वांटम मैकेनिक्स के सिद्धांतों का उपयोग करते हैं।

    कंप्यूटर की विशेषताएं

    • गति (Speed): कंप्यूटर बहुत तेज गति से कार्य करते है। जिससे वे बहुत तेजी से जानकारी प्रोसेस कर सकते हैं। इसका एक उदाहरण है कि कंप्यूटर लाखों या करोड़ों गणनाओं को सेकंडों में कर सकता है।

    • सटीकता (Accuracy): कंप्यूटर बहुत सटीकता से काम करता है। इसके काम मे गलतियाँ बहुत कम होती हैं, और यदि होती हैं तो वे आमतौर पर मानवीय त्रुटि के कारण होती हैं। यदि डेटा सही है, तो परिणाम भी सटीक होगा।

    • विविधता (Versatility): कंप्यूटर विभिन्न प्रकार के कार्यों को कर सकता है। इसका उपयोग शिक्षा, मनोरंजन, व्यवसाय, वैज्ञानिक अनुसंधान आदि कई क्षेत्रों में किया जाता है।जैसे कि गणना, ग्राफिक्स प्रोसेसिंग, और अन्य कार्यों में मदद करते हैं।

    • स्वचालित (Automation): कंप्यूटर टास्कों को स्वचालित रूप से कर सकते हैं,इसे बार-बार निर्देश देने की आवश्यकता नहीं होती है। जिससे इंसानों को काम करने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, एक बैंक कंप्यूटर स्वचालित रूप से लेन-देन रिकॉर्ड कर सकता है।

    • अभिवादन (Multitasking): कंप्यूटर एक ही समय में कई कार्यों को कर सकते हैं।

    • अनुकूलन (Customization): कंप्यूटर को उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के आधार पर अनुकूलित किया जा सकता है, जिससे उपयोगकर्ताओं को अधिक सुविधा होती है।

    • संचार (Communication): कंप्यूटर अन्य उपकरणों और नेटवर्कों के साथ संचार कर सकता है। इसकी मदद से लोग इंटरनेट, ईमेल, संदेश, आदि का उपयोग कर सकते हैं।

    कंप्यूटर के भाग और उनके कार्य (Parts Of Computer)

    भाग

    उदाहरण

    कार्य

    सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU)

    Intel Core i9, AMD Ryzen 9

    CPU को कंप्यूटर का “दिमाग” माना जाता है, जो पूरे कंप्यूटर को कंट्रोल करता है।

    मेमोरी (Memory)

    RAM और ROM

    मेमोरी, कंप्यूटर में डेटा और इंस्ट्रक्शन्स को स्टोर करने के लिए होती है। (Temporary memory)

    स्टोरेज डिवाइसेस (Storage Devices)

    HDD और SSD आदि

    ऑपरेटिंग सिस्टम और डेटा का स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए उपयोग होते हैं। (Permanently memory)

    ड्राइवर्स (Drivers)

    ग्राफिक्स कार्ड ड्राइवर, प्रिंटर ड्राइवर

    हार्डवेयर को सॉफ़्टवेयर से संवाद (communicate) करने के लिए

    Connectivity

    USB 3.0, ईथरनेट पोर्ट, वायरलेस कार्ड

    नेटवर्क और अन्य डिवाइस के साथ कनेक्टिविटी

    इनपुट डिवाइस (Input Devices)

    कीबोर्ड, माउस, टचस्क्रीन

    उपयोगकर्ता से, कंप्यूटर को जानकारी प्रदान करना

    आउटपुट डिवाइस (Output Devices)

    मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर्स

    कंप्यूटर से जानकारी को ,उपयोगकर्ता तक पहुँचाना

    सोफ़्टवेयर (Software)

    Windows 10, Microsoft Office, Adobe Photoshop

    प्रोग्रामों और निर्देशो का एक समूह है | जो कंप्यूटर सिस्टम के Software, Hardware Devices को Control और Manage करने और हमारे काम को आसान बनाने मे प्रयोग मे लिए जाते है।

    पावर (Power)

    Power Supply

    पावर सप्लाई उर्जा को कंप्यूटर सिस्टम में पहुँचाता है और सभी उपकरणों को आवश्यक वोल्टेज प्रदान करता है।

    performance

    Graphics Card

    फोटो,वीडियो एडिटिंग और गेमिंग कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए होता है

    कंप्यूटर का इतिहास

    कंप्यूटर शब्द का पहला इस्तेमाल :

    1613 : इतिहास मे कंप्यूटर शब्द का पहला इस्तेमाल साल 1613 में अंग्रेज लेखक रिचर्ड ब्रेथवेट (Richard Brathwait) की किताब “द यंग मैन ग्लीनिंग्स” में मिलता है। उनकी इस किताब मे एक पंक्ति है :

    I haue read the truest computer of Times, and the best Arithmetician that euer breathed, and he reduceth thy dayes into a short number.
    – Richard Brathwait

    अबेकस :

    2700 ईसा पूर्व बेबीलोन में अबेकस का आविष्कार किया गया। अबेकस जिसे काउंटिंग फ्रेम भी कहा जाता है ,यह ग्रीक शब्द ‘एबैक्स’ है जिसका अर्थ है ‘सारणीबद्ध रूप’ l प्राचीन चीन, मिस्र, रूस ,रोम, यूरोप ,यूनान और जापान में भी इसका उपयोग किया जाता था।

    नेपियर बोन्स :

    जिन्हें नेपियर की छड़ें भी कहा जाता है ,एक उपकरण है जिसका आविष्कार 17वीं शताब्दी की शुरुआत में स्कॉटिश गणितज्ञ जॉन नेपियर (John Napier) ने किया था। यह गुणा और भाग को सरल बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। साथ ही वे नेपियर Logarithm (लघुगणक) की खोज के कारण भी जाने जाते है। ।

    एनालिटिकल व डिफरेंशियल इंजन :

    ब्रिटिश गणितज्ञ Charles Babbage नेसाल 1837 में पहला जनरल मैकेनिकल कंप्यूटर डिफ्रैंशियल इंजन नाम से एक मशीन बनाई। इसे कंप्यूटर को कैलकुलेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता था । Father of computer ,चार्ल्स बेबेज जिन्हे आधुनिक कम्प्यूटर का जनक भी कहा जाता है।

    यहाँ से शुरू हुआ आधुनिक कम्प्यूटर इतिहास

    कंप्यूटर की जेनेरशन – Generation Of Computer

    पहली पीढ़ी (1946-1956):

    • वैक्यूम ट्यूब का उपयोग होता था I

    • यह विशाल आकार के भारी वजन वाले होते थे। जो अधिक बिजली खपत करते थे।

    • इनकी धीमी गति और सीमित कार्यक्षमता होती थी।

    • मुख्य उपयोग : वैज्ञानिक गणना

    • इस के कुछ उदाहरण जैसे कि ENIAC, Colossus, UNIVAC

    दूसरी पीढ़ी (1956-1964):

    • ट्रांजिस्टर का उपयोग होता था I

    • आकार में कमी और बिजली खपत में कमी।

    • गति और क्षमता में वृद्धि।

    • मुख्य उपयोग: व्यावसायिक और वैज्ञानिक अनुप्रयोग मे ।

    • उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास (COBOL और FORTRAN)

    • इस के कुछ उदाहरण IBM 1401

    तीसरी पीढ़ी (1964-1971):

    • एकीकृत सर्किट (IC) का उपयोग किया गया।

    • इसके आने से आकार में और भी कमी और बिजली खपत में भी कमी आई।

    • गति और क्षमता में भारी वृद्धि हुई।

    • मुख्य उपयोग: व्यक्तिगत और व्यावसायिक मे भी होने लगा।

    • मिनी कंप्यूटर का उदय हुआ।

    • IBM 360 और PDP-8 जैसे उदाहरण

    चौथी पीढ़ी (1971-1985):

    • माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग किया गया।

    • Personal computer (pc) का विकास हुआ।

    • ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI) पर ध्यान दिया गया।

    • computer अब पहले से ज्यादा घरो मे भी नजर आने लगे थे।

    • प्रमुख उदाहरण Apple II, IBM PC, Microsoft Windows

    पांचवीं पीढ़ी (1985-वर्तमान):

    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग का विकास होने लगा ।

    • क्लाउड कंप्यूटिंग और मोबाइल डिवाइस ।

    • इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और बिग डेटा ।

    • क्वांटम कंप्यूटिंग का उदय हुआ।

    • मुख्य उपयोग: व्यक्तिगत, व्यावसायिक, वैज्ञानिक और विभिन्न कार्यों भी अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है।

    • जैसे उदाहरण DeepMind ,IBM Watson

     

  6. कीबोर्ड क्या है – Keyboard Definition in Hindi :-

    Keyboard एक प्राइमरी इनपुट डिवाइस है, जिसका यूज computer में text को enter करने के लिए होता है. ये उपयोगकर्ता को कंप्यूटर में डाटा इनपुट करने में सक्षम बनाता है. एक computer keyboard में अक्षरों, संख्याओं और विशेष कैरेक्टर के साथ – साथ विशिष्ट कार्यो को करने के लिए button होते है. जिन्हें हम keyboard key कहते है. इसके साथ ही कंप्यूटर माउस भी प्रमुख इनपुट उपकरणों में से एक है.

    एक standard keyboard में लगभग 101 से 104 button होते है. Keyboard को Computer से connect करने के लिए उसमे PS/2 या USB cable दिए गए होते है. जब भी हम किसी key को push करते है, तो computer को इन्ही केबल के माध्यम से signal प्राप्त होता है. जिससे उसे पता चलता है, कि स्क्रीन पर कौन से letters, numbers, character या symbol को show करना है.

    Computer Hardware क्या है
    Monitor कितने प्रकार के होते है
    कंप्यूटर में SMPS का क्या काम
    हालांकि computer keyboard के design आज भी typewriter की तरह ही होते है. परन्तु इन कीबोर्ड में कुंजियों की संख्या टाइपराइटर के मुकाबले अधिक होती है. यदि keyboard के layout की बात करे तो ये कई प्रकार के होते है और इनमे सबसे अधिक उपयोग होने वाले QWERTY type के कीबोर्ड है. जिसके पहले छः अक्षर QWERT and Y होते है.

    कीबोर्ड का अविष्कार कब और किसने किया
    Keyboard का इतिहास typewriter के अविष्कार के साथ ही शुरू होता है. वो Christopher Latham Sholes ही थे, जिन्होंने 1868 में पहले व्यवहारिक आधुनिक टाइपराइटर को पेटेंट कराया था. समय के साथ कई तकनीकी सुधारों के चलते ही टाइपराइटर धीरे-धीरे standard computer keyboard के रूप में विकसित हुवे. सबसे पहले 1878 में QWERTY keyboard को कम्प्यूटरों में इस्तेमाल किया गया था.

    Keyboarding क्या है :- 

    कीबोर्ड और उसके फंक्शन को समझना ही keyboarding कहलाता है. हम सभी जानते है, आज के दौर में computer कितनी महत्वपूर्ण डिवाइस है. उसे नियंत्रित करने के लिए हम Keyboard का यूज करते है. कंप्यूटर में इनपुट देने और टाइपिंग करने के लिए हमे इसका ज्ञान होना ही चाहिए.

    कंप्यूटर कीबोर्ड के प्रकार – Different Types of Keyboard in Hindi
    आज मार्केट में विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड मौजूद है. जिन्हें अलग-अलग उद्देश्यों के लिए बनाया गया है. हम सभी जानते कि keyboard कंप्यूटर का एक important part है. लेकिन इसे खरीदते समय हम ये नही देखते है कि हमारे लिए कौन सा keyboard बेस्ट रहेगा. तो आइये विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड और उनके उद्देश्य के बारे में जानते है.

    Membrane Keyboard
    इस प्रकार के computer keyboard को हम regular keyboard के नाम से जानते है. ये काफी सस्ते होते है और मार्केट में आसानी से मिल जाते है. अगर आपने एक computer खरीदा है तो उसके साथ आपको यही कीबोर्ड दिया जाता है. इसमे प्रत्येक button के नीचे rubber dome और membrane का use किया जाता है. जिसके कारण key press करने पर आप खट-खट की साउंड सुनते है. 

    ये उन लोगो के लिए बिल्कुल भी सही नही है, जो typing work ज्यादा करते है. हालांकि general use के लिए सबसे अधिक इन्हें ही इस्तेमाल किया जाता है.

    Mechanical Keyboard
    इनके प्रत्येक बटन के नीचे स्प्रिंग और स्विच का उपयोग किया जाता है, जिन्हें हम mechanical switches के नाम से जानते है. इसका फायदा ये है कि जब भी आप key press करते है. तो उसमे लगे spring के कारण ये उंगलियों को पीछे की तरफ अधिक push करता है. जिससे आपकी उंगलियों को आराम मिलता है और आप fast typing कर पाते है. ये Regular keyboard की तुलना में अधिक महंगे होते है.

    Gaming Keyboard
    गेमिंग के उद्देश्य से बनाये गए इन Keyboard में प्रत्येक button के नीचे mechanical switch का उपयोग किया गया होता है. जिससे आपको एक अच्छा gaming experience मिलता है. इन computer keyboard में आपको कई unique features देखने को मिलते है. साथ ही आपको different color की back-lighting भी देखने को मिलती है. Price के मामले ये अधिक expensive होते है.

    Ergonomic Keyboard
    अगर आप continuously typing करते है तो Ergonomic keyboard आपके लिए सबसे बेहतर है. क्योंकि इसका design V shape में होता है. जिससे इसे उपयोग करना आपके लिए comfortable हो जाता है. इसका उद्देश्य आपके typing experience को अधिक कुशल बनाना और आपकी उंगलियों को आराम देना है.

    Wireless Keyboard
    आमतौर पर computer से connect होने के लिए ये कीबोर्ड WiFi या Bluetooth का यूज करते है. मूल रूप से ये mechanical या membrane keyboard हो सकते है. आजकल मार्केट में wireless keyboard और mouse आम है. अगर आप केबल वाले कीबोर्ड का उपयोग नही करना चाहते तो ये आपके लिए एक अच्छा विकल्प है.

    Multimedia Keyboard
    एक regular keyboard की तुलना में इनमे कई function के लिए extra key होती है. इसमे volume control और play/pause जैसे button भी दिए गए होते है. अगर आप एक छात्र है, तो इस तरह के computer keyboard आपके लिए फायदेमंद हो सकते है. इससे आप अपने कंप्यूटर को एक ही जगह से कंट्रोल कर सकते है.

    Output Device क्या है
    हार्ड ड्राइव क्या है
    ये थे कुछ मुख्य keyboards Type अगर आपको इसके अलावा कीबोर्ड के किसी और प्रकार के बारे में जानकारी है. तो नीचे कमेंट कर हमें जरूर बताये. आइये अब इसके कुछ button style के बारे में जानते है. 

    विभिन्न प्रकार के कीबोर्ड लेआउट
    Different types of keyboard layout:-

    QWERTY: ये कंप्यूटर या लैपटॉप में सबसे अधिक उपयोग होने वाला कीबोर्ड लेआउट है. इसके अलावा QWERTY को ही first keyboard layout के रूप में उपयोग किया गया था. वर्ष 1873 में इसे Christopher Latham Sholes ने present किया था. इस लेआउट को डिज़ाइन करने का मकसद typing में होने वाली mistakes को कम करना था.

    Dvorak: वर्ष 1936 में August Dvorak ने Dvorak keyboard layout को प्रस्तुत किया था. ये कीबोर्ड speed typing के लिए डिज़ाइन किया गया था. इसमे common letters की key को ऐसे लगाया गया था जिससे वे जल्दी टाइप किये जा सके. अधिकतर पेशवर टाइपराइटर इन्ही keyboard layout का उपयोग करते है.

    AZERTY: फ्रांस में बना ये keyboard layout अधिकतर France में ही उपयोग किया जाता है. दिखने में बिल्कुल QWERTY layout की तरह ही होता है परन्तु इसमे लगे पहले six letter इसके नाम पर दिए गए है. हालांकि ये कई संस्करण में आते है.

    Colemark: यह एक आधुनिक कीबोर्ड लेआउट है. ये वैज्ञानिक रूप से एक typewriter को fast speed में typing करने की सुविधा देता है. इसे QWERTY और Dvorak keyboard layout का upgrade version माना जाता है.

    Keyboard का यूज कैसे करते है
    Keyboard का यूज करना बहुत आसान है, आप नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके इसे आसानी से उपयोग कर सकते है:

    कीबोर्ड का उपयोग करने से पहले आपको इसे computer से connect करना होगा.
    टेक्स्ट, नंबर या कमांड को इनपुट करने के लिए आपको keys के बारे में बेसिक जानकारी होनी चाहिए (नीचे सभी keys के नाम और उनके कार्यो के बारे में बताया गया है).
    टाइप करने से पहले आपको finger position का भी ध्यान रखना है.
    उदाहरण के लिए आपके left-hand के तीन fingers की position A, S, D पर होनी चाहिये और right-hand fingers की position J, K, L keys पर होनी चाहिए.
    “Practice Make Men Perfect” जी हाँ, अब आपको रोजाना टाइपिंग का अभ्यास करना है. जिससे आप कुछ ही समय मे कीबोर्ड चलाना सीख जाएंगे.
    Keyboard में कितने Type की Keys होती है 

    Keyboard keys उन buttons को कहा जाता है, जिन्हें press करके हम computer में text, symbols या command को input करते है. एक windows keyboard की बात की जाए तो उसमें keys की संख्या 104 होती है. हालांकि अलग layout के हिसाब से इनकी स्थिति अलग हो सकती है, परन्तु मूल रूप से सभी कीबोर्ड में keys समान ही होती है. नीचे हमने इन keys को इनके functions के आधार पर सात categories में बांटा है.

    1) Alphanumeric Keys
    एक keyboard में मौजूद letters और numbers को alphanumeric keys के नाम से जाना जाता है. इनमे alphabets (A-Z) और numbers (0-9) के लिए कुंजियां होती है. अगर आप एक QWERTY keyboard की तरफ ध्यान दे तो आप पायेंगे top row से नीचे के बटन numbers के होते है और इसके बाद कि तीन पंक्तिया letters के लिए दी गयी होती है. सामान्य कीबोर्ड में आपको बाई तरफ के सिरे में भी numeric keys की सुविधा मिल जाएगी. ये typing के लिए important key की लिस्ट में सबसे उप्पर आती है.

    2) Punctuation Keys
    वे सभी extra symbols जिन्हें हम full stop(.), comma (,), question mark (?), dash (-), etc. के नाम से जानते है, punctuation marks कहलाते है. इनका उपयोग writing में आम है और ये काफी महत्वपूर्ण भी है. Keyboard में आपको number और symbols के लिए एक ही बटन दिया गया होता है. आप इन्हें shift key के साथ press करके यूज कर सकते है.

    3) Function Keys
    कीबोर्ड के top-line में F1-F12 तक के बटन को function key कहा जाता है. ये सभी key अलग-अलग function को perform करने के लिए design की गई होती है. जैसे F3 को find bar खोलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इन्हें हम shortcut key भी कहते है.

    4) Toggle Keys/Indicator Keys
    Functions को on or off या switch करने के लिए toggle keys का उपयोग होता है. ये कुल तीन प्रकार की होती है जिनमे Num Lock, Caps Lock, और Scroll Lock key शामिल होते है.

    5) Cursor Control/ Navigation Key
    Screen पर cursor को उप्पर-नीचे या दाएं से बाएं move कराने या command देने के लिए इन keys का उपयोग किया जाता है. इन्हें cursor control keys भी कहते है. ये निम्न प्रकार की होती है. Enter, Insert, Home, Page Up, Delete, End, Page Down, Arrow Key, Tab Key, Space key और Backspace ये सभी इसके अंतर्गत आती है.

    6) Modifier Keys
    इसके अंतर्गत आपके Keyboard में मौजूद Ctrl key, Alt key, और Shift key आती है. इनका उपयोग करने के लिए अक्सर आपको इन्हें किसी दूसरी key के साथ इस्तेमाल करना होता है. उदाहरण के किसी text को copy करने के लिए आपको Ctrl+A दबाना होता है. इन्हें अक्सर shortcut key भी कहा जाता है. Typing में इनका यूज सबसे अधिक होता है.

    7) Special Keys
    ये key हमे कंप्यूटर पर कुछ अतिरिक्त control की अनुमति देता है. इसमे Esc key और Windows key शामिल है. नीचे हम इन सभी के बारे में विस्तार से जानेगें. 

               Keyboard All Keys & Their Functions :- 

    Keys Name
    Functions
    Alphabets
    A से Z तक के अक्षर वाली कुंजियां
    Number
    0 से 9 तक के नंबर वाली कुंजियां
    F1-F12
    इन्हें Function Key कहते है ये अलग-अलग कार्यो के लिए होती है.
    Enter
    किसी कमांड या ऑपेरशन को निष्पादित करती है साथ ही डॉक्यूमेंट में कर्सर को नेक्स्ट लाइन में भेजती है.
    Backspace
    ये कर्सर की वर्तमान स्थिति से पहले के सभी कैरेक्टर को डिलीट कर देता है.
    Windows
    इसका यूज स्टार्ट मेनू को ओपन करने के लिए होता है
    Menu
    ये विंडो key के साथ मे ही होती है और राइट क्लिक का काम करती है.
    Esc
    किसी चल रहे प्रोग्राम या ऑपेरशन को रोकने के लिए इसका यूज होता है.
    Caps lock
    इसे दबाने से हम लेटर को कैपिटल या स्मॉल के बीच में स्विच कर सकते है.
    Tab
    टैब key आपको अलग-अलग डॉक्यूमेंट या वेब पेज के बीच स्विच करने की अनुमति देता है.
    Shift
    ये यूजर को एक कैपिटल लेटर टाइप करने और शिर्ष नम्बर कुंजियों को सिंबल में बदलने की अनुमति देता है.
    Ctrl
    इसे दूसरी कुंजियों के साथ शॉर्टकट key के रूप में उपयोग किया जाता है.
    Alt
    ये भी एक टाइप की शॉर्टकट key है, जिसका उपयोग दूसरी कुंजियों के साथ किया जाता है.
    Spacebar
    एक सेन्टेंस में वाक्यों या कैरेक्टर को सेपरेट करता है या उनके बीच स्पेस बनाता है.
    Arrows
    कर्सर को उप्पर-नीचे या दाएं-बाएं ले जाने के लिए इनका उपयोग होता है.
    Delete
    शब्दों को आगे से डिलीट करता है.
    PrtScrn
    इसे दबाने पर ये करंट पेज की स्क्रीन शॉट पेंट सॉफ्टवेयर के पास भेज देता है.
    Scroll lock
    पेज स्क्रॉलिंग को डिसेबल कर देता है.
    Pause Break
    कंप्यूटर में चल रहे प्रोग्राम या प्रोसेस को अस्थायी रूप से रोकता है.
    Insert
    टेक्स्ट एडिटर या वर्ड प्रोसेसर में इन्सर्ट मोड को ऑन और ऑफ करने के लिए उपयोग होती है.
    Home
    डॉक्यूमेंट या पेज के स्टार्टिंग पॉइंट में पहुचने के लिए इसका यूज होता है.
    Page up
    डॉक्यूमेंट या वेब पेज पर उप्पर जाने के लिए यूज करते है.
    Page down
    पेज में नीचे जाने के लिए यूज किया जाता है.
    End
    किसी पेज के लास्ट में जाने के लिए इसे दबाते है.
    Num lock
    ये keyboard में दिए अतिरिक्त numeric key को डिसेबल या इनेबल करता है.
    `
    Back quote
    !
    Exclamation mark
    ~
    Tilde
    #
    Hash
    @
    at symbol
    $
    Dollar sign
    %
    percent
    ^
    Caret
    &
    and symbol
    *
    Asterisk or star
    (
    Left parenthesis
    )
    Right parenthesis
    _
    Underscore

    Hyphen
    +
    Plus.
    =
    Equal
    \
    Forward slash
    /
    Backslash
    |
    Pipe
    £
    Pound symbol.

    Euro sign.

    Cent symbol.
    ¥
    Yuan symbol
    §
    Section.
    °
    Degree.
    {}
    Curly bracket
    [
    Open bracket
    ]
    Close bracket
    :
    Colon.
    ;
    Semicolon.

    Quotation mark or inverted commas.
    <
    Less than.
    >
    Greater than.
    ,
    Comma.
    .
    Dot or full stop.
    ?
    Question mark
    कीबोर्ड की लैंग्वेज कैसे चेंज करे
    हमारे keyboard की default language English होती है. लेकिन यदि आप हिंदी language में typing सीखना चाहते है, तो उसके लिए पहले आपको कीबोर्ड भाषा को change करना होगा. इसके लिए आप नीचे दिए गए तरीके का इस्तेमाल कर सकते है.

    Keyboard में मौजूद Windows key को press करे और फिर control panel को open करे.
    अब Regional and Language पर click करे.
    यहाँ Keyboard and language वाली tab में click करे फिर Change keyboard पर click कर दे.
    General tab में ADD पर click करे.
    अब यहाँ से अपनी language select करके OK पर क्लिक कर दे.
    आपके द्वारा Add की गई input language बाहर list में show होने लगेगी. अब आपने उसे select करके OK पर क्लिक करना है.
    इस प्रक्रिया को करने के बाद आप अपनी keyboard language को हिंदी में बदल पाएंगे. इसके अलावा आप कभी भी नीचे language bar से वापस English में switch कर सकते है. Alt+Shift key को साथ मे press करके भी आप select language के बीच स्विच कर सकते है.

    PS/2 व USB Keyboard में Difference
    PS/2 Keyboard एक 6 pin के PS/2 port के साथ आते है. ये अधिकतर IBM के पुराने कंप्यूटरों के साथ उपयोग होते थे. हालांकि आज के नए Motherboard model भी में PS/2 port को जोड़ने के लिए connector दिए जाते है. ये काफी fast response करता है. यानी अगर आप कोई key press करते है, तो ये तुरंत CPU को interrupt करता है. जिससे आपके स्क्रीन पर वो character दिखाई देता है. Professional gamer और IT expert आज भी PS/2 port को उपयोग में लेते है.

    USB keyboard कंप्यूटर से जुड़ने के लिए USB port का यूज करते है. सभी modern computers में इसी प्रकार के कीबोर्ड को उपयोग में लिया जाता है. ये एक plug and play interface है यानी इसे computer से connect करते ही ये काम करना शुरू कर देता है. जबकि PS/2 port में आपको पहले कुछ setting करनी होती है. हालांकि ऐसा माना जाता है, कि PS/2 के compare में USB का response time कम होता है.

    Computer Ports और उनके उपयोग
    ग्राफ़िक कार्ड क्या है इसका उपयोग
    UPS क्या इसका उपयोग
    प्रिंटर के मुख्य उपयोग
    स्कैनर क्या है इसके प्रकार
    Cache Memory क्या होती है
    इसका कारण ये है कि जब भी आप keyboard उपयोग करते है. तो CPU को बार- बार इससे पूछना पढ़ता है, कि क्या करना है. जिससे response करने में थोड़ा delay हो जाता है. परन्तु अब ये उतना मायने नही रखता क्योंकि आजकल के CPU काफी powerful होते है. जो आपको इस देरी का पता चलने नही देते.

    Conclusion
    इस लेख में आपने जाना Keyboard क्या है इसका यूज कैसे करते है. ये पोस्ट पढ़ने के बाद आपने एक बात समझी होगी कि Keyboard एक computer या laptop का कितना essential part है. बिना इसके आप सिस्टम में कुछ भी input नही कर सकते. कुल मिलाकर अगर आप कंप्यूटर में काम करना चाहते है, तो आपको कीबोर्ड के बटन और उनके उपयोग के बारे में पता होना चाहिए.

    इस पोस्ट में हमने आपको Computer Keyboard के विषय मे पूरी जानकारी देने की कोशिश की है. उम्मीद है, इससे आपको बहुत कुछ जानने को मिला होगा. अगर आपके पास कोई सवाल या सुझाव है, तो कृपया अपने विचार नीचे comment में हमारे साथ जरूर शेयर करे. धन्यवाद     

    CMD in Hindi: Command Prompt क्या है, कैसे यूज़ करें?

    दोस्तों ऊपर हमने जाना कंप्यूटर क्या है और keybord के बारे में आगे अब इस लेख में हम जानेंगे की CMD in Hindi: Command Prompt क्या है, कैसे यूज़ करें?

    CMD कंप्यूटर के किसी भाग में बदलाव करने के लिए बिना उसके स्थान में जाए, उसमें परिवर्तन करने की तकनीक हैं। इसका अधिक उपयोग hardware operator और programmer द्वारा किया जाता हैं।

    समाप्ति

    दोस्तों मैआशा करता हु की मेरे द्वारा बताये गए इस लेख में आपको अच्छी से अच्छी जानकारी जो मैंने अपने लेख में दी है आपको समझ आया होगा अगर आपको कही भी कोई गलत जानकारी लगे या फिर समझ न आई हो तो आप से निवेदन है की आप आपने सुझाव दीजिये और comment में जरुर बताइए 

 

 

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